पूर्वोत्तर रेलवे का गठन 14 अप्रेल, 1952 को मुख्यत: दो रेलवे प्रणालियों (अवध और तिरहुत रेलवे तथा असम रेलवे) और बी.बी एण्ड सी.आई. के कानपुर अछनेरा खण्ड को जोड़ कर हुआ। 15 जनवरी 1958 को यह दो जोनों में विभाजित हुआ – पूर्वोत्तर और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में। अपने वर्तमान स्वरूप में पूर्वोत्तर रेलवे सन 2002 के जोनों के पुनर्गठन के बाद आया। इस जोन में 3450 रूट किलोमीटर और 486 स्टेशन हैं। पुनर्गठन के बाद इस रेलवे में तीन मण्डल हैं – वारणसी, लखनऊ और इज्जतनगर। पूर्वोत्तर रेलवे मूलत: उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड और बिहार के पश्चिमी जिलों को यातायात सुविधायें देता है।
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